IIT-JEE भौतिकी की तैयारी कैसे करें?
इस लेख में, हम उन पुस्तकों और अध्ययन सामग्री को सूचीबद्ध करने जा रहे हैं जिनका आपको IIT-JEE भौतिकी में महारत हासिल करने के लिए अध्ययन करने की आवश्यकता होगी। हम आपके साथ तैयारी के कुछ तरीके भी सांझा करेंगे|
- IIT-JEE भौतिकी के लिए हमें कौन सी किताबों का अध्ययन करना चाहिए?
- IIT-JEE भौतिकी के लिए तैयारी की रणनीति
IIT-JEE भौतिकी के लिए हमें कौन सी किताबों का अध्ययन करना चाहिए?
यदि आप किसी ऑनलाइन या ऑफलाइन कोचिंग में नामांकित हैं, तो आपको उनकी सामग्री का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। ज्यादातर अच्छी कोचिंग क्लासेज की सामग्री परीक्षा की तैयारी के लिए ठीक-ठीक ही होती है। यदि आप किसी कोचिंग में नामांकित नहीं हैं, तो भी आप उनके पत्राचार पाठ्यक्रम (correspondence course) में नामांकन करके उनकी अध्ययन सामग्री प्राप्त कर सकते हैं, या उसे किसी दुकान से प्राप्त कर सकते हैं।
बेशक, आप हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित विभिन्न लेखों को भी पढ़ सकते हैं।
अब किताबों का क्या?
IIT भौतिकी के लिए मुझे किन किताबों का अध्ययन करना चाहिए?
आपको H. C. Verma (एच. सी, वर्मा) से शुरू करना चाहिए। इसके दो खंड हैं। एच. सी. वर्मा के अभ्यासों के समाधान भी आपको इंटरनेट पर आसानी से मिल जाएंगे। एक बार जब आप इन पुस्तकों को पढ़ लेते हैं, और इसके प्रश्नों को हल कर लेते हैं, तो आप कह सकते हैं कि आपकी मूल अवधारणाएँ स्पष्ट हैं। अब, आप आगे बढ़ सकते हैं।
इसके अलावा आप निम्नलिखित पुस्तकें पढ़ सकते हैं:
- B. M. Sharma (बी. एम. शर्मा) की पुस्तकें - यदि आप कोई कोचिंग सामग्री नहीं पढ़ रहे हैं, तो इन पुस्तकों को अवश्य पढ़ें। अन्यथा, आप इन्हें छोड़ सकते हैं।
- D. C. Pandey (डी. सी. पाण्डेय) - इनकी वस्तुनिष्ठ पुस्तक पढ़ें। इनमें अच्छे प्रश्न हैं और उनके समाधान भी। 5 किताबों वाली डी. सी. पांडे श्रृंखला की आवश्यकता नहीं है।
- इंटरएक्टिव फिजिक्स सीरीज (लगभग 8 छोटी किताबें) - आर. रवि, पी. कामराज, पी. रंगनाथन (R. Ravi, P. Kamaraj, P. Ranganathan) द्वारा। आपको इन सभी पुस्तकों का अध्ययन करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन आप उन विषयों को पढ़ सकते हैं जिनमें आप अवधारणात्मक रूप से कमजोर हैं। इन पुस्तकों में कुछ अवधारणाओं का बहुत खूबसूरती से वर्णन किया गया है।
बी.एम. शर्मा पुस्तकें, डी.सी. पाण्डे की पुस्तकों की तुलना में अधिक वर्णनात्मक हैं। सब कुछ ठीक से समझाया गया है। इसलिए वे बड़ी और मोटी भी हैं, और हाँ अधिक महंगी भी।
इन पुस्तकों में न केवल IIT-JEE मेन्स, बल्कि IIT-JEE एडवांस परीक्षा को भी ध्यान में रखा गया है। साथ ही, एक बार आपने इनमें से एक-दो पुस्तकों को पढ़ लिया, तो आपको भौतिकी NCERTs बहुत आसान लगेंगी।
इसके अलावा अगर आपके पास बहुत समय है तो आप I. E. Irodov (आई. ई. इरोडोव) को भी हल कर सकते हैं। इसमें कई चुनौतीपूर्ण प्रश्न हैं। उनके समाधान भी बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। हालाँकि, अपने दृष्टिकोण में चयनात्मक रहें। यदि आप एच. सी. वर्मा के बाद इरोडोव का प्रयास करना चाहते हैं, तो आपके पास तैयारी का कम से कम 2 वर्ष का समय होना चाहिए। बहुत से लोग I. E. Irodov और Resnick Halliday का सुझाव देते हैं, लेकिन IIT-JEE को क्रैक करने के लिए ये पुस्तकें बहुत आवश्यक नहीं हैं। ये पुस्तकें पूरी तरह से JEE-Advanced के लिए हैं, और यदि आपका लक्ष्य शीर्ष 100 में आना है। इन पुस्तकों को तभी स्पर्श करें जब आपने अन्य पुस्तकों को कई बार पढ़ लिया हो, और भौतिकी पर बहुत अधिक महारत हासिल कर ली हो। अन्यथा, इन्हें छोड़ दें।
वैसे भी, बहुत सारी किताबें पढ़ने के बजाय, आपको अपनी अवधारणाओं को दोहराने, और नई समस्याओं को हल करने के लिए उन अवधारणाओं को लागू करने के अपने विश्लेषणात्मक कौशल को विकसित करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए। मेरा सुझाव सिद्धांत के लिए सिर्फ एच सी वर्मा को पढ़ने का होगा। हो सके तो बी एम शर्मा किताबें भी पढ़ लें, अगर आपके पास समय है। यदि आप कुछ कोचिंग सामग्री और क्लास नोट्स का भी अध्ययन कर रहे हैं, तो यह पर्याप्त से अधिक है।
फिर अन्य पुस्तकों के ढेर सारे प्रश्न हल करें। किसी अन्य पुस्तक के किसी विशेष अध्याय को केवल तभी पढ़ें जब आपको लगे कि आपको अधिक वैचारिक स्पष्टता की आवश्यकता है, या यदि आपको बहुत अधिक संदेह है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि इसकी जरूरत होगी।
क्या मुझे IIT भौतिकी के लिए NCERTs पढ़नी चाहियें?
मूल अवधारणाएं विकसित करने के लिए, अपनी NCERT या ISC बोर्ड की किताबें जरूर पढ़ें। परन्तु, केवल NCERTs पढ़ना पर्याप्त नहीं होगा। आपको अवधारणाओं की बहुत गहरी समझ और उनके विभिन्न अनुप्रयोगों को सीखने की आवश्यकता है। यानी विषय वही होंगे जो आपने 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़े हैं, लेकिन आपको और अधिक गहराई में जाने की आवश्यकता होगी।
आपको आईआईटी-जेईई मेन्स में कुछ वैचारिक प्रश्न मिलेंगे, जिसमें आपकी अवधारणा स्पष्टता या सिद्धांत पर आपकी पकड़ का परीक्षण किया जाएगा (लगभग 10% प्रश्न)। यहां NCERTs आपकी मदद करेंगी।
मेरा सुझाव होगा कि आप पहले अपनी कोचिंग सामग्री और एच. सी. वर्मा को पढ़ लें। इसके बाद NCERTs पढ़ें। आप उन्हें कुछ ही समय में पूरा कर लेंगे। हालांकि, अगर आपको एच. सी. वर्मा का अनुसरण करना मुश्किल लगता है, तो आप पहले NCERTs से शुरुआत कर सकते हैं।
IIT-JEE भौतिकी के लिए तैयारी की रणनीति
IIT-JEE में लगभग सभी विषयों के लिए आपको बहुत अधिक अभ्यास करने की आवश्यकता होती है। केवल बहुत सारे सिद्धांत को पढ़ना और याद रखना पर्याप्त नहीं होगा, खासकर गणित, भौतिकी और भौतिक रसायन विज्ञान के मामले में। यदि आपने बहुत सारे प्रश्नों को हल नहीं किया है, तो आप इन विषयों के प्रश्नों को परीक्षा में हल नहीं कर पाएंगे।
थ्योरी पर ध्यान 25%, और प्रश्न अभ्यास पर ध्यान 75%
भौतिकी में कौन से विषय अधिक महत्वपूर्ण हैं?
मोटे तौर पर, IIT-JEE भौतिकी में यांत्रिकी, इलेक्ट्रो-चुंबकत्व और आधुनिक भौतिकी सबसे महत्वपूर्ण अध्याय हैं। इन अध्यायों से लगभग 60% प्रश्न पूछे जाते हैं।
लेकिन ये अध्याय बहुत बड़े भी हैं, जिनमें से प्रत्येक में बहुत सारे उप-विषय हैं। इसलिए, हमें इसे विषयवार देखना चाहिए। कुछ विषय दूसरों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हैं। कुछ के लिए आपको केवल 1 प्रश्न के लिए बहुत कुछ तैयार करने की आवश्यकता हो सकती है। जबकि कुछ अन्य विषयों को बहुत जल्द पूरा किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, हर साल IIT-JEE में एरर एनालिसिस (Error Analysis), इंस्ट्रुमेंटल एनालिसिस (Instrumental Analysis) और डायमेंशनल एनालिसिस (Dimensional Analysis) से एक प्रश्न पूछा जाता है, और इन विषयों को तैयार करने के लिए आपको बस एक या दो दिन चाहियें। ज्यादातर बार ये प्रश्न काफी आसान होते हैं। आपको लगभग हर साल घूर्णी गति (Rotational Motion, जो यांत्रिकी का हिस्सा है) से भी एक प्रश्न मिलेगा। हालाँकि, इस विषय में महारत हासिल करने के लिए आपको कम से कम कुछ हफ़्तों की आवश्यकता होगी। और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आप इस प्रश्न को परीक्षा में हल करने में सक्षम हो पाएंगे या नहीं, क्योंकि कभी-कभी इसमें से बहुत मुश्किल प्रश्न पूछे जाते हैं।
सेमी-कंडक्टर और कम्युनिकेशन भी आसान विषय हैं। हालांकि इन टॉपिक्स से ज्यादा सवाल नहीं आते हैं, लेकिन आप इन टॉपिक्स को बहुत कम समय में तैयार कर सकते हैं। तो, परिणाम-प्रयास अनुपात यहाँ बहुत अच्छा है।
उपरोक्त रणनीति उन प्रश्नों के पैटर्न पर आधारित है जो हमने IIT-JEE भौतिकी खंड में मेन्स और एडवांस में देखे हैं। यह पैटर्न किसी भी वर्ष थोड़ा या काफी बदल सकता है। तो, आश्चर्य के लिए तैयार रहें।
हो सके तो पूरा सिलेबस कवर करें। अपनी 10वीं की बोर्ड परीक्षा के ठीक बाद या उससे भी पहले तैयारी शुरू कर दें। सफलता की संभावना बढ़ाने के लिए खुद को कुछ समय दें।
कमजोर और मजबूत क्षेत्रों से कैसे निपटें?
किसी विषय के भीतर भी मजबूत और कमजोर क्षेत्र हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि भौतिकी में, आपको यांत्रिकी, प्रकाशिकी और आधुनिक भौतिकी पसंद हो। शायद आपको थर्मोडायनामिक्स पसंद नहीं हो। कोई बात नहीं। अपने पसंदीदा विषयों पर अधिक ध्यान दें।
हालांकि, कुछ अध्याय परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं। हो सकता है कि उस विषय से कई प्रश्न पूछे जाते हों, या उस अध्याय की अवधारणाओं का उपयोग विभिन्न अन्य अध्यायों में भी किया जाता हो। तो, आप इन अध्यायों को छोड़ नहीं सकते।
उदाहरण के लिए, यांत्रिकी और इलेक्ट्रो-चुंबकत्व अध्याय भौतिकी में बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि IIT परीक्षा में लगभग 50% इन्हीं विषयों से पूछे जाते हैं। इसलिए, आप उन्हें छोड़ने का जोखिम नहीं उठा सकते। ठीक वैसे ही जैसे, आप न्यूटन के नियमों को छोड़ने का जोखिम नहीं उठा सकते, क्योंकि उनका उपयोग भौतिकी के विभिन्न अन्य अध्यायों में किया जाता है।
प्रश्न अभ्यास के बारे में क्या?
गणित की तरह ही, भौतिकी अभ्यास के बारे में अधिक है। केवल थ्योरी पढ़ने और अवधारणाओं को याद रखने से आपको प्रश्नों को हल करने में मदद नहीं मिलेगी। इसलिए, आपको परीक्षा में पूछे जाने वाले विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का अभ्यास करने, और प्रश्नों को हल करने में अवधारणाओं को लागू करने के अपने विश्लेषणात्मक कौशल को विकसित करने की आवश्यकता है।
पिछले वर्ष के प्रश्नों को भी देखें और हल करें; कम से कम पिछले 5-6 वर्षों में जो प्रश्न पूछे गए हैं। यह दो उद्देश्यों को हल करेगा:
- यह आपकी IIT-JEE की तैयारी के शुरुआती चरणों में आपका मार्गदर्शन करेगा। आपको पता चल जाएगा कि आपको किन विषयों का अध्ययन करने की आवश्यकता है, कितने गहन ज्ञान और अभ्यास की आवश्यकता है, आदि।
- एक बार जब आप एक अध्याय पूरा कर लेते हैं, जैसे यांत्रिकी, तो आप उस विषय से पूछे गए पिछले वर्ष के कुछ प्रश्नों को हल कर सकते हैं और देख सकते हैं कि आपकी तैयारी का स्तर कितना अच्छा है। इसलिए, पिछले वर्ष के प्रश्नों का ऐसा संकलन अपने पास रखें, जिसमें प्रश्नों को अध्याय-वार सूचीबद्ध किया गया हो।
इसके अलावा, किसी ऑनलाइन टेस्ट सीरीज में नामांकन करें। यदि संभव हो तो वास्तविक परीक्षा केंद्रों में कुछ परीक्षण दें। यह आपको अपनी समग्र तैयारी का आकलन करने, और समय की कमी और दबाव में पेपर को हल करने की महारत हासिल करने में आपकी बहुत मदद करेगा।